होम क्वारेंटाइन और इसोलेशन में क्या फर्क होता है?
isolation meaning in hindi-
होम क्वारेंटाइन और इसोलेशन तो बहुत ही कम लोगो को पता है बहुत से लोग ये भी नहीं जानते थे पर जब से कोरोना वाइरस आया है तब से चारो तरफ यही बात होती है की कोरोना वाइरस वाले मरीज को होम क्वारेंटाइन या इसोलेशन में रखा गया है। पर अभी भी ज़्यादा लोगो को इन दोनों के बिच का फर्क नहीं पता है की ये दोनों नाम के साथ साथ इनका काम भी अलग अलग है।
covid -19 की बीमारी ज़्यादा न फैले इसलिए कुछ मरीजों को क्वारेंटाइन में रखा जाता है। और कुछ मरीजों को इसोलेशन में रखा जाता है। और इसी में बहुत से लोग है जो इन दोनों में बहुत ज़्यादा कन्फ्यूजन है। ज़्यादा तर लोग इन्हे एक ही समझते है की कोरोना के मरीज को एक कमरे या घर में अलग रखा जाता है। पर इन दोनों में काफी फर्क होता है।
होम क्वारेंटाइन और इसोलेशन में अंतर – isolation meaning in hindi
होम क्वारेंटाइन और इसोलेशन दोनों ही बीमारी को फैलने से रोकने के लिए किया जाता है। जब भी कोई एक इंसान से किसी दूसरे इंसान तक फैलने वाली बीमारी आती है यानि कोई संक्रमण रोग होता है। तो ऐसे समय में लोगो को होम क्वारेंटाइन या इसोलेशन में रखा जाता है।
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क्वारेंटाइन क्या होता है ?
क्वारेंटाइन का मतलब होता है संगरोध अगर किसी वक्ति को ऐसी कोई रोग है जो एक से दूसरे वक्ति में फैल सकती है तो इसमें पहले वक्ति को दूसरो से अलग रखा जाता है ताकि वो बीमारी किसी और को न हो। और इसोलेशन का मतलब होता है – की किसी वक्ति को ये बीमारी हुई है या नहीं- ये हमे पता नहीं है
और वो वक्ति कुछ दिनों से किसी बीमार वाले वक्ति के संपर्क में था। ऐसे में उस वक्ति को भी ये बीमारी हो सकती है। इसलिए इस वक्ति को दुसरो से कुछ दिनों के लिए अलग रखा जाता है। मतलब की क्वारेंटाइन में रखा जाता है।
ऐसा मान लीजिये की आप किसी दूसरे बीमार वक्ति के संपर्क में रह चुके है। और उस वक्ति को कोई संक्रमण रोग था। तो उस बीमार वक्ति के संपर्क में रहने के कारण आप को भी वो बीमारी हो सकती है। लेकिन उस बीमारी के लक्षण सामने आने तक कुछ दिनों का समय लग सकता है।
ऐसे में आपको ये पता नहीं होता है की आपको भी दूसरे वक्ति से संक्रमण हो चूका है। कुछ दिनों के बाद ही आपको हलके हलके सिमटम्स दिखना शुरू हो जायेगा। मान लीजिये की उस वक्ति को कोरोना वाइरस था तो ऐसे में कोरोना वाइरस के लक्षण दिखने के लिए 10 से 14 दिनों का समय लगेगा।
इसलिए आपको 14 दिनों तक एक रूम में दुसरो से अलग रखा जाएगा ताकि आप किसी और की संपर्क में न आये। और आपके बहार घूमने फिरने से दुसरो को ये बीमारी न फैले। अगर आपमें कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो आपको हॉस्पिटल में भर्ती किया जाएगा और अगर आपमें 14 दिनों तक कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देता है तो आपको छोड़ दिया जायेगा।
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क्वारेंटाइन कहा किया जाता है
isolation meaning in hindi – क्वारेंटाइन आप कही भी रह कर कर सकते है कुछ लोग हॉस्पिटल जाना सही मानते है और कुछ लोग तो घर पर ही रह कर खुद को क्वारेंटाइन करते है। यानि अगर आप किसी ऐसे वक्ति के संपर्क में आ चुके है जो संक्रमित है तो आप घर में ही सबसे अलग रहना शुरू कर दे ताकि घर में और किसी को संक्रमण न हो।
आइसोलेशन क्या होता है?
आइसोलेशन का मतलब है दुसरो से अलग करना। अगर किसी वक्ति को संक्रमण है तो उसे अलग रखा जाता है ताकि ये संक्रमण किसी और को न फैले इसलिए इसे आइसोलेशन कहा जाता है। मान लीजिये की किसी वक्ति को संक्रमण रोग हो चूका है। या कोरोना वाइरस हो चूका है। और अगर कोरोना के मरीज को बाकि मरीजों के साथ रखा जाएगा तो बाकि मरीजों को भी कोरोना हो जायेगा और इतना ही नहीं डॉक्टर और बाकि सारे स्टाफ को भी हो सकता है। इसलिए कोरोना के मरीज को अलग से रखा जाता है और उसकी सभी ट्रीटमेंट की जाती है। ताकि वो बीमारी कम हो जाये और मरीज जल्दी ठीक हो जाए और अलग रखने पर बाकी लोगो को संक्रमण न हो।
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होम क्वारेंटाइन में खुद कैसे रखे अपना ख्याल- isolation meaning in hindi
अगर आप या आपके घर में कोई भी कोरोना पॉजिटिव है तो आपको घबराना नहीं है। ज़्यादा तर कोरोना के माइल्स सिम्टम होते है और डॉक्टर होम क्वारेंटाइन होने लिए कहते है। अगर आपके पास मरीज के लिए अलग से कोई रूम है तो आप घर पर ही मरीज को रख सकते है और अगर न हो कोई रूम तो आप हॉस्पिटल में भी जा कर भर्ती हो सकते है। ये आपके ऊपर निर्भर करता है की आपको कहा रह कर क्वारेंटाइन में रहना है।
याद रखिये क्वारेंटाइन के समय आप और आपके घर वाले घर से बहार 14 से 18 दिनों तक न निकले। मरीज को सभी नियमो का अच्छे से पालन करना है। और अपने कमरे से बहार नहीं निकलना है। आपको हर रोज अपने स्वाथ की जाँच ज़रूर करना है। अपना औक्सीजन का लेवल पाल्स औक्सी मीटर से बार बार चेक करते रहे और अपना फीवर थर्मामीटर से चेक ज़रूर करे। बिच बिच में अपने अपने डॉक्टर को अपने सेहत की जानकारी देते रहे अगर कोई भी आपको परेशानी होगी तो आपके डॉक्टर आपको उचित सलाह जरूर देंगे।
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होम क्वारेंटाइन होते समय कुछ चीज़ो को अपने पास ज़रूर रखे –
1 – पाल्स ऑक्सी मीटर
2 – थर्मामीटर
3 – हेंड सेनेटाइजर
4 – सरफेस डिस्टींफेक्टेंट
5 – डॉक्टर की दी गई दवाइयाँ
6 – ग्लव्स
7 – मास्क
8 – स्टीमर या वापोरिसेर
9 – डिस्टींफेक्टेंट सलूशन
10 – पानी गर्म करने के लिए वाटर बॉयलर

मरीज की वजह से बाकि घर के लोग संक्रमित न हो इसका आपको बहुत अच्छे से ख्याल भी रखना है। isolation meaning in hindi
इसलिए आपको आपकी जगह को हमेशा साफ़ रखना चाहिए। सरफेस डिस्टींफेक्टेंट से आप अपने फर्नीचर या कोई भी ऐसी चीज़ जहा आपके हाथ बार बार लगते है उन्हें हमेशा साफ़ करते रहे, आइसोलेशन के समय अपने खाने के बर्तन अपने रूम में ही रहे और अपने बर्तन को खुद से ही धोये।
अगर आप आप रूम से बाहर जा रहे है तो हाथो में ग्लव्स और मास्क पहनना बहुत ही ज़रूरी है। जब भी घर वाले आपको खाना दे तो आप अपने खाने के बर्तन या प्लेट को बाहर किसी टेबल या स्टूल पर रख दे
और फिर अपने रूम में चले जाए, बाहर जो भी आपके लिए खाना लाया है वो भी हाथो में ग्लव्स और मास्क पहना हो उन्हें आपकी प्लेट या बर्तन में खाना परोसना है न की आपके बर्तन को चुना है।
कोरोना के समय आप सिर्फ हेल्थी फ़ूड ही खाये। बाहरी चीज़ो का सेवन न करे। मरीज के कपडे या बेडशीट कुछ भी हो सब अलग से धोना ज़रूरी है।
पानी में 10 से 15 बून्द लॉन्ड्री डिस्टींफेक्टेंट को मिलाये और इसमें अपने कपड़ो को कम से कम 1 घंटे के लिए भिगो कर रखे फिर इन कपड़ो को अपने दरवाजे के बहार रख दे, इस बात का आप ज़रूर ध्यान रखे की आप ग्लव्स पहने हो। फिर जो भी घर में आपका केयर टेकर हो वो वाशिंग मशीन में आपके कपड़ो को धो सकता है।
सेहत का रखे ध्यान/और पौष्टिक आहार ले –
खाने में आप सभी तरह के भोजन कर सकते है जिसमे प्रोटीन की मात्रा अधिक हो विटामिन की मात्रा हो आप फल खा सकते है या फलो का जूस भी पी सकते है। (कई बार कोरोना के मरीजों में ये भी देखा गया है की उनकी खाना खाने की इच्छा नहीं करती ऐसे में आप फलो का ज़्यादा से ज़्यादा सेवन करे ताकि आपको किसी भी प्रकार से विटामिन्स की कमी न हो) और ताकत आपके शरीर को मिलती रहे। दिन में आपको ज़्यादा से ज़्यादा पानी का सेवन करना है। अच्छे सेहत के लिए अच्छी नींद भी बहुत ज़रूरी है 6 से 7 घंटे की नींद ज़रूर ले।
isolation meaning in hindi – आपको हमेशा अपने डॉक्टर की दी गई दवाइयों का सेवन करते रहना है। साथ ही साथ दिन में 3 से 4 बार स्टीम ले। गर्म पानी और काढ़े का ज़्यादा से ज़्यादा सेवन करे।
अपने दिमाग को शांत करने के लिए और किसी भी नेगेटिव चीज़ को अपने दिमाग में न आने दे। इसके लिए आप आपने रूम में ही बैठ के काम कर सकते है या अच्छे अच्छे गाने सुन सकते है,या कोई मूवी देख सकते है। या कोई अच्छी बुक भी पढ़ सकते है। अगर आपको रूम पर रहते रहते बोर लगे तो अपने दोस्तों के साथ या अपने किसी भी रिश्तेदारों के साथ फ़ोन पर या वीडियो कॉल पर बात करे ऐसे में आपका दिमाग शांत रहेगा और आप अपनी बीमारी के लिए चिंतित नहीं होंगे। साथ ही साथ आप रूम पर ही कुछ योगा कर सकते है
आपके ज़रिये घर के लोग संक्रमित न हो इसके लिए आप बार बार अपने हाथो को सेनेटाइज करे या हेंड वाश के धोये।
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